रंग बिरंगे फूलों का यह गुलदस्ता बच्चों के लिए तैयार किया गया है। मैंने यह प्रयास इस उम्मीद के साथ किया है आज के बदलते समय में, मैं हिंदी भाषा में बच्चों के लिए कुछ कर पाउँ। हिंदी को आज नई पीढ़ी से जोड़ने का यह एक प्रयास है। बचपन में पढ़ी कविताओं व कहानियों ने जिस प्रकार मुझ में भाषा प्रेम जगाए रखा व भाषा को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित किया, एक ऐसी ही उम्मीद नई पीढ़ी से करते हुए शुभकामनाओं के साथ.
– कुमुद वर्मा
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