पद्मश्री डॉ. भोलाभाई पटेल आधुनिक गुजराती साहित्य के प्रमुख हस्ताक्षर हैं । आपकी बहुआयामी साहित्यिक प्रतिभा ने निबंध, समीक्षा, सम्पादन और अनुवाद जैसे विविध क्षेत्रों में उत्तम प्रदान किया है । चिंतनशील सर्जक की सौन्दर्यान्वेशी दृष्टि से अनुप्राणित आपके यात्रा वृतान्तों ने गुजराती निबन्ध को एक नई दिशा दी है । आप आरम्भ से ही तुलनात्मक साहित्य के समर्थक रहे हैं । गुजराती कवि निरंजन भगत और फ्रेंच कवि शार्ल बॉदलेर की कविता के तुलनात्मक अध्ययन के द्वारा आपने गुजराती समीक्षा के क्षेत्र में पदार्पण किया ।
मूल गुजराती भाषी हिन्दी के उत्तम प्राध्यापक बहुभाषाविद डॉ.भोलाभाई पटेल की भाषाप्रीति अनन्य थी । संस्कृत, बांग्ला, असमिया, उड़िया, मराठी के साथ-साथ अंग्रेजी-जर्मन जैसी विदेशी भाषाओं के आप ज्ञाता थे । वे हिन्दी, संस्कृत, बांग्ला और अंग्रेजी साहित्य के मर्मज्ञ रहे हैं । इस विद्वत्ता के कारण समय-समय पर विभिन्न राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय परिसंवादों, संगोष्ठियों और साहित्यिक सम्मेलनों में आपके व्याख्यान एक उपलब्धि रहते । स-रस, सहज व्यक्तित्व की मुद्रा से अंकित इन व्याख्यानों में ‘सम-वाद’ का एक ऐसा तत्व होता था, जो वक्ता और श्रोता के बीच की दूरी को मिटाकर एक ज्ञानवर्धक आत्मीय सेतु रच देता था । भोलाभाई पटेल की विलक्षण प्रतिभा के द्योतक विविध विषयों के इन व्याख्यानों को यहाँ ग्रंथस्थ किया जा रहा है । विभिन्न पत्रिकाओं में छपे कतिपय लेखों को भी यहाँ समाविष्ट किया गया है ।
यह पुस्तक तुलनात्मक साहित्य के अध्येताओं के लिए अत्यंत उपयोगी सिद्ध होगी ।
| Dimensions | 8.5 × 5.5 in |
|---|---|
| Binding | Paperback |
Customer Reviews
There are no reviews yet.
Additional Details
ISBN: 9789361977190
Month & Year: August 2025
Publisher: R. R. Sheth & Co. Pvt. Ltd.
Language: Gujarati
Page: 320
Dimension: 8.5 × 5.5 in
Additional Details
ISBN: 9789361977190
Month & Year: August 2025
Publisher: R. R. Sheth & Co. Pvt. Ltd.
Language: Gujarati
Page: 320
Dimension: 8.5 × 5.5 in























Be the first to review “Mahavruksh Ke Niche”
You must be logged in to post a review.